21 May 2013

भारत की घोर गरीबी का कारण : अर्जुन सेन गुप्ता रिपोर्ट

2009 ka lecture : कांग्रेस ने 6,7 साल पहले एक सर्वे करावा । कि पता करो कि देश में सही में ग़रीबो की संख्या कितनी हैं ? ? ?

क्यों कि पहले कोई कहता था कि 25 करोड- हैं ,कोई कहता था कि 35 करोड- हैं ,कोई कहता था कि 37 करोड- हैं , तो सर्वे कराया |सर्वे के लिये अर्जुन सेनगुप्ता को कहा गया ।अर्जुन सेनगुप्ता भारत के बहुत बड़े अर्थशास्त्री हैं । और इंदिरा गांधी के समय से भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार रहे हैं । तो उन्होने 3,4 साल कि मेहनत के बाद संसद मे एक रिपोर्ट प्रस्तुत की । रिपोर्ट कहती है देश कि कुल आबादी 115 कारोड़ ।और एक 115 कारोड़ मे से 84 कारोड़ 30 लाख लोग ऐसे है । जो एक दिन 20 रुपये भी खर्च नहीं कर पाते । और 84 कारोड़ 30 लाख में से 50 कारोड़ लोग ऐसे हैं । जो एक दिन में 10 रुपये भी खर्च नहीं कर पाते ।  और 15 कारोड़ ऐसे है 5 रुपये भी रोज के नहीं खर्च कर पाते । और 5 कारोड़ ऐसे है 50 paise भी रोज के नहीं खर्च कर पाते । ये हमारे देश भारत की नंगी वास्विकता है कठोर सच्चाई है ! जब वो रिपोर्ट आई तो सब के रंग उड़ गये । कि आखिर 64 मे हमने किया क्या ? ? ? इतनी ग़रीबी इतनी बदहाली ।

सबसे अजीब बात ये हैं कि 1947 के बाद जब पंडित नेहरु ने ग़रीबो की संख्या पता करने के लिये सर्वे करवाया । तो पता चला देश में ग़रीबो की कुल संख्या 16 कारोड़ है । । 1952 में नेहरु संसद मे खड़ा होकर चिल्ला रहा । एक पंच वार्षिक योजना लागू हो गई तो सारी ग़रीबी मिट जायेगी ।  तो 1952 में पहले पंच वार्षिक योजना बनाई गई । लेकिन 5 साल बाद देखा गया कि ग़रीबी उलटा और बढ़ गई । 1957 मे फ़िर बोला एक और पंच वार्षिक योजना बन गई तो ग़रीबी खत्म । 1963 आ गया ग़रीबी नहीं मिटी । फ़िर पंच वार्षिक योजना बनाई फ़िर ग़रीबी नहीं मिटी । फ़िर 1968 मे बनाई फ़िर 1972 में ऐसे करते करते aaj 2007 तक कुल 11 पंच वर्षिक योजनाये बन चुकी है । गरीबी मिटना तो दूर उल्टा गीरबों की सख्या 84 करोड़ 30 लाख हो गयी ! लेकिन क्या आप जानते हैं ??? कि अगर ये खानदानी लूटेरे एक भी पंच वर्षिक योजना ना बनाते । और 110 लाख करोड ग़रीबो को नकद ही बांट दिया होता तो एक एक गरीब को 1 लाख 50 हजार मिल जाते और सारी ग़रीबी खत्म हो जाती । इतनी बढ़ी रकम होती 110 लाख कारोड़ । कैलकूलेटर पर आप इसे लिख नहीं सकते ।  कैलकूलेटर पर 12 अंक आते है । 110 लाख कारोड में 16 अंक होते हैं ।  110 लाख करोड़ आपके और मेरे tax का पैसा था ।  जो ग़रीबो पर तो लगा नहीं । लेकिन सोनिया गांधी विश्व की चौथी अमीर बन गयी । और एक बात इस साल 2012 में फिर गरीबी दूर करने के लिए 12 वी पंच वार्षिक योजना बनाई गई है और इसके लिए वर्ल्ड बैंक से फिर कर्ज लिया है !और 7 लाख करोड़ फिर गरीबी दूर करने के लिए खर्च किया जाएगा !!

अब आप बताए गरीबी दूर होगी या खानदानी लूटेरे और अमीर होंगे ??????

_________गरीबी में बढ़ोतरी का कारण _________

जब भारत 1947 मे आज़ाद हुआ था तो भारत की कुल जनसँख्या 40 करोड़ थी तथा गरीबों की कुल जनसँख्या केवल 4 करोड़ थी.. 40 करोड़ मे से 4 करोड़ गरीब मतलब 10 % 2012 मे जनसख्या हो गई  120 करोड़ aur gareeb 40 करोड़  ! मतलब 3 गुना बढ़ गई !

तो गरीबी भी 3 गुना बढ़नी चाहिए ! 4 करोड़ की गरीबी 12 करोड़ होनी चाहिए ! लेकिन गरीबी 4 करोड़ से 84 करोड़ हो गई  !  ऐसा क्या हुआ जो गरीबों की संख्या बढ़कर 84 करोड़ हो गयी ????  इसका एक ही कारण है 65 साल मे इस देश की लूट इतनी हुई की गरीबी 84 करोड़ हो गयी !
तब गरीबी हटाने के लिए पंच वर्षीय योजनायें बनायीं गयीं पर ऐसा क्या हुआ जो 11 पंच वर्षीय योजनाओं के बाद भी गरीबी कम नहीं हुई बल्कि इतनी तेज़ी से बढ़ी......  कारण है देश पर शासन करने वालों की लूट, भ्रष्टाचार और नीचता में ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई और ये तो आप भी जानते हैं इस देश पर शासन करने वाले कौन हैं ? ये वहीँ जिनका इस देश पर 55 वर्षों तक शासन रहा है और आज भी है.....ये वहीँ हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी इस देश को लूटते आ रहे हैं और आगे भी लूटते रहेंगे l और जब तक इनका शाशन इस देश पर रहेगा इस देश से गरीबी कभी नहीं मिट सकती....  सीधे शब्दों में कहें तो कारण है "कांग्रेस"....यदि यह जाने के बाद भी आप कांग्रेस को चुनते हैं तो भारत की इस दुर्दशा के कारण आप भी हैं l

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