21 May 2013

अमेरिका की विनाशकारी नीतिया





1.राष्ट्र नायक डा. कलाम का नहीं भारत का अपमान किया अमेरिका ने अमेरिका ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की तलाशी को जायज ठहराया था जब वह 29 सितंबर 2011 को कॉन्टिनेंटल एयरलाइंस के विमान पर सवार होने से पहले उनकी जांच की गई थी। यही नहीं अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने धमकी भी दी थी कि यदि आगे ऐसी जांच में रुकावट डाली गई तो अमेरिका भारत से अमेरिका जाने वाली सभी नॉन-स्टॉप विमानों की आवाजाही रोक देगा। भले ही भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा अब्दुल कलाम अमेरिका में सुरक्षा के नाम परउनके किये गये अपमान को भूल जाने की बात कहें या अमेरिकी प्रशासन अपनी धृष्ठता पर पर्दा डालने के लिए माफी मांगने का नाटक करे। पर इस घटना से पूरा राष्ट्र इस घटना से बेहद मर्माहित है।
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2.अमेरिका की कोका-कोला, पेप्सी के कारण भारत के किसान आत्महत्या करने लगे भारत जैसे कृषि प्रधान देश मेंअगर किसान आत्महत्या करने लगे तो सोचा जा सकता है कि स्थिति कितनी भयावह हो चुकी है। भारत जहां पर पचास प्रतिशत से अधिक जनता कृषि के व्यवसाय पर निर्भर है । हर दिन एक न किसान की आत्महत्या की खबरों ने मन को कसैला कर दिया है। कोका-कोला, पेप्सी की जगह गन्ने का रस और नारियल पानी पियोगे तो साल मे 7000 करोड़ हिंदुस्तान के बचेंगे और गन्ना किसानो और नारियल किसानो को लाखो का फाइदा होगा और देश का पैसा देश मे रहेगा औरकिसान फिर आतमहत्या नहीं करेंगे ।16 राज्यों से मिली रपटों के अनुसार वर्ष 2010 में 800 किसानों ने आत्महत्याकी, जबकि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो का आकलन है कि इस दौरान 15 हजार से अधिक किसानों ने मौत को गले लगाया।
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3. अमेरिका कि संस्कृति लिव-इन रिलेशन जो भारतीय संस्कृति को हानि पहुंचा रही है । भारतीय युवा पीढ़ी का अपनी संस्कृति को छोड़ अमेरिका संस्कृति (लिव-इन रिलेशन)की ओर अग्रसर होना चिंता का विषय है।लिव इन रिलेशन-लिव-इन का मतलब एक स्त्री और एक पुरुष का बिना विवाह किए सिर्फ आपसी सहमति सेएक साथ रहना है।''लिव इन रिलेशनशिप'' भारतीय सभ्यता एवंसंस्कृति में स्वीकार योग्य नहीं है । लिव इन रीलेशनशिप का मतलब है कि इंसान और जानवर में कोई फ़र्क नही है और इस सिस्टम का मुख्य उद्देश् अपने शरीर कि प्यास भुजाना ही है।
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4.1971 में भारत - पाक जंग के दौरान अमेरिकी सेना को भारतीय सेना पर हमले के आदेश दिए जा चुके थे।
अमेरिकी सेना को भारतीय सेना पर हमले के आदेश दिए जा चुके थे। हाल ही में उजागर 1971 के भारत-पाक युद्ध के बेहद खुफियादस्तावेजों से अमेरिका के इस प्लान का पता चला है।अमेरिकी प्रेजिडेंट निक्सन ने भारत को सबक सिखाने की पूरी तैयारी कर ली थी। भारत पर हमले के लिए नौसेना की तीन बटालियनें रिजर्व रख ली गई थीं। यही नहीं अमेरिकन एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस एंटरप्राइज को भारतीय ठिकानों पर हमले के आदेश दे दिए गए थे।
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5.अमेरिका ने मिशनरी संस्थाओं को दिया है पैसा भारत में धर्मांतरण के लिए अमेरिका ने भारत में धर्मांतरण के गोरखधंधे में लगे चर्च के पक्ष में अरब डॉलर खर्च किये हैं।आज स्वतन्त्रतापाने के बाद भी भारत के भोले-भाले लोग उन मिशनरियों कीदुष्प्रवृत्तियो ं के शिकार होरहे हैं। ईसाईयत एक धर्म आधारित साम्राज्यवादी आन्दोलन है, और प्रारम्भ से ही भारत ईसाई मिशनरियों के निशाने पर रहा है। ईसाईयत छल, कपट, धोखा, जालसाजी और प्रलोभन आदि के द्वारा गैर-ईसाईयों के धर्मान्तरण के लिए विखयात रही है।
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6. अमेरिका के पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में हथियार बेचने की नीति
अमेरिका के पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में हथियार बेचने की नीति के मुद्दे को भारत ने कई बार अमेरिका के सामने उठाया है। भारत के रक्षा मंत्री ने भी इस बात पर चिंता जताई है कि अमेरिका जिस तरह के हथियार पाकिस्तान को दे रहा है, उनका बेहतर इस्तेमाल पारंपरिक युद्ध में हो सकता है। अमेरिकाने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान बड़ी तादाद में दिए हैं।
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7.--16 नवम्बर 2010 भारत की (उम्मीदों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद स्थायी सदस्य पर्मानेंट मेंबर बनने)पर अमेरिका ने पानी फेरा सुरक्षा परिषद में पांच वीटो शक्ति से लैस स्थायी सदस्य हैं: अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन ! संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य(पर्मानेंट मेंबर) बनने की भारत की उम्मीदों पर अमेरिका ने पानी फेर दिया है। सुरक्षा परिषद में पांच वीटो शक्ति से लैस स्थायी सदस्य हैं: अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन ।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के मसले पर अमेरिका ने भारत का समर्थन नही किया है। जागो भारतीय जागो --जय हिन्द, जय भारत ! वन्दे मातरम !!
अमेरिका के एक सेनेटर टॉम कैसे ने TransCanada कारपोरेशन को उनके अरबों रूपए का प्रोजेक्ट Keystone XL pipeline में भारत और दुसरे देशो में बने स्टील का व्यपार करने से मना किया है। उन्होंने और कहा के Keystone पाइपलाइन का एक अंश का निर्माण अमेरिका के अर्थव्यवथा को लाभ पौछाने में सक्षम है लेकिन हम इस परियोजना से पूर्ण आर्थिक लाभ नहीं देख रहे है अगर पाइप लाइन के निर्माण के  लिए इस्तेमाल इस्पात अमेरिका के बाहर से आयात किया जाता है |


(फ्री इलाज के लिए डॉक्टर माधव राव 9866548278)


लेकिन हम भारतवासी "made in us or made in uk" टैग लिखा देख के सामान खरीदने  में गर्व अनुभव करते है । कृपया अपने देश के भलाई के लिए स्थानीय दुकानों से  सामान ख़रीदे और शौपिंग मल्स का बहिस्कार करे।


राजीव भाई ने ठीक ही कहा था के " राष्ट्रीयता कभी भी 18 वीं या 21 वीं शताब्दी की नही होती , राष्ट्रीयता हमेशा नवीन होती है चिरनवीन हुआ करती है। और स्वदेशी कभी पुराना नही हुआ करता , स्वदेशी जितना जरुरी18 वीं शताब्दी में हुआ करता था उतना ही जरुरी 21 वीं शताब्दी में भी है नही तो अमेरिका को Buy American Act नही बनाना पड़ता। Buy American Act माने अमेरिका अपने देश में स्वदेशी को बढाना चाहता है । स्वदेशी माने 18 वीं शताब्दी में जाना नही है सायद आने वाली 21 वीं शताब्दी के एहिं दो बड़े नारे होंगे स्वदेशी और Self Reliance और हो सकता है ये Progressive होने की एक बड़ी निशानी माना जाये । "
http://www.youtube.com/watch?v=SUaVI0GDO1s


राजीव भाई की कही हुई बात अब सच होती नज़र आ रही है ।


Reference:
http://www.financialexpress.com/news/dont-buy-made-in-india-steel-us-senator/919198



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