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देविंदर शर्मा के विभिन्न व्याख्यान :


1.        FDI एक धोखा  -- देविंदर शर्मा

FDI जान बुझ के विदेशियों के इशारे पर और हमे और हमारे गृह उद्योगों और खेती को नष्ट करने के लिए ही लाया गया है ...




2.      GM Foods  -- एक खतरनाक और गुलामी का भविष्य 

पहले की हरित क्रांति से हमें यूरिया, पेस्टिसाइड, DAP आदि मिले जिससे अनेक तरह की बीमारियाँ और खेती सूखी ...अब विदेशी कंपनियां ला रही है GM Foods जिसमे की किसी भी जानवर या इंसान के ख़राब जींस किसी फसल दे दाल दिया जायेगा और लाखों लोगो को मौत के मुह में दाल जा सकेग। और किसान फिर गुलाम ...




3.       भारत को तोड़ने की साज़िश,  ... 

भारत की अनेकता व् भिन्न्त्ता मगर फिर भी प्यार व् आपसी सम्मान को कैसे नफ़रत और कडवाहट में बदल कर इस देश को खंड खंड करने की अमेरिका की साज़िश...  और हम फिर भी अपने सबसे बड़े दुश्मन के पीछे अंधभक्त हो के पागल हुए है ...

क्या आप जानते हैं पिछले 100 वर्षों में भारत के कितनी बार टुकडे किये गए और उसके पीछे किसकी सरकार और सोच रही है ......, सन 1911 में भारत से श्री लंका अलग हुआ ,जिसको तत्कालीन कांग्रेसी नेताओं का समर्थन प्राप्त था, सन 1947 में भारत से बर्मा -म्यांमार अलग हुआ , सन 1947 में भारत से पाकिस्तान अलग हुआ । कारण कांग्रेस ही थी। सन 1948 में भारत से आज़ाद कश्मीर काटकर अलग कर दिया गया और नेहरु जी की नीतियों ने सरदार पटेल के हाथ बांधे रखे, सन 1950 में भारत से तिब्बत को काटकर अलग कर दिया गया और नेताओं ने मुह बंद रखा, सन 1954 में बेरुबादी को काट कर अलग कर दिया गया, सन 1957 में चीन ने भारत के कुछ हिस्से हड़प लिए और नेहरु ने कहा की यह घास फूंस वाली जगह थी, सन 19262 में चीन ने अक्साई चीन का 62000 वर्ग मिल क्षेत्र भारत से छीन लिया ,और नेहरु जी हिंदी चीनी भाई-भाई कहते रहे । जब हमारी सेनाओं ने चीन से लड़ाई लड़ने का निर्णय किया और कुछ मोर्चों पर जीत की स्थिति में थी तो इन्ही नेहरु ने सीज फायर करा दिया, सन 1963 में टेबल आइलैंड पर बर्मा ने कब्ज़ा कर लिया ,और हम खामोश रहे । वहां पर म्यामांर ने हवाई अड्डा बना रखा है, सन 1963 में ही गुजरात का कच्छ क्षेत्र छारी फुलाई को पाकिस्तान को दे दिया गया, सन 1972 में भारत ने कच्छ तिम्बु द्वीप सर लंका को दे दिया, सन 1982 में भारत के अरुणांचल के कुछ हिस्से पर चीन ने कब्ज़ा कर लिया , और हम बात करते रहे, सन 1992 में भारत का तीन बीघा जमीनी इलाका बांगला देश ने लेकर चीन को सौंप दिया ।, सान 2012 मे भी बांग्लादेश को कुछ वर्गमील इलाका कॉंग्रेस ने दिया और कहा की ये दलदली इलाका था, इसके अलावा भी अनेक छोटी बड़ी घटनाएं होती रहती हैं जिनका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है , जैसे कि हाल ही की चीन की घटना है , जिस पर कोई अधिकारिक दस्तावेज अभी जारी नहीं किया गया है।


कुछ बड़ी शक्तिया हैं, जो की भारत को तोड़ने का काम कर रहीं हैं ! और हमें इसेके लिए एक साथ मिलने की और एक साथ अपनी कमर कसने की जरूरत है! भारत को वैचारिक तौर पर तोड़ने के लिए देसी और विदेशी ताकते काम कर रहीं है (आप राजीव मल्होत्रा जी की पुस्तक "ब्रेकिंग इंडिया" पढ़ें) !
ऐसा नहीं है की अतीत में बड़े देश टूटे नहीं है, रूस, एक बड़ी ताकत था, बड़ा देश था, लेकिन वोह १६ देशो में टूट गया ! यूगोस्लाविया एक बड़ा मुल्क था, विश्व की ६ सबसे बड़ी सैन्य शक्ति था, लेकिन वोह भी ५ देशो में टूट गया !
सबसे बड़ा उधाहरण तोह, हमारा अखंड भारत ही है, जिसके बहोत सारे टुकड़े हो चुके हैं ! बर्मा, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्थान, बांग्लादेश, तिब्बत, इंडोनेशिया यह सब अखंड भारत के ही हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन धीरे धीरे हमसे अलग कर दिए गए!

रूस और यूगोस्लाविया , दोनो देश ही कोमुनिस्ट (वामपंथी) और सोशलिस्ट (समाजवादी) देश हुआ करते थे !
इन देशों में ये वामपंथी विचारधाराएं ,"एक राष्ट्र(One Nation)" की अवधारणा को नष्ट "deconstruct" के लिए काम करती थीं! वे social fault-lines को बनाना और निर्मित करना, और उसे पोषित करते रहने का काम , सांस्कृतिक सामंजस्य और इतिहास विकृत (History distortion) का काम करती रहती थीं ! मार्क्सवादियों के इन सामाजिक इंजीनियरिंग (Social Engineering) के तरीकों से समुदायों के बीच नफरत फैलाने में करने की दिशा में काम किया! जो इन साम्यवादी देशों में अंतता फाइनल ब्रेकअप (Final Break-up) के रूप में उभर कर आया !

हिंदुओं को भारत की अपनी सभ्यता सच इतिहास के लिए हर भारतीय को जोड़ता है जो एक भारतीय राष्ट्रीय पहचान बनाने के लिए एक सामूहिक हिंदू मानसिकता की जरूरत है.
जो विरोधी बल सहयोग में काम कर रहे हैं उनके हर पहलू को सार्वजनिक क्षेत्र में चर्चा और बहस करने की जरूरत है!
हमें चर्चा वामपंथी-पश्चिमी-Abrahmic लेंस (नजरिये) की तुलना में नहीं , बल्कि भारत के और अपने प्राचीन इतिहास और सभ्यता के नजरिये और माध्यम से करनी पड़ेगी! यह नजरिये को हमें बदलने की अत्यंत जरूरत है !

महाभारत युद्ध के पहले का भ्रम और दुर्बलता(मानसिक) के इस "अर्जुन सिंड्रोम" को दूर और स्पष्ट करने हेतु, अब एक विराट भारत राष्ट्र निर्माण किया जाना चाहिए !




4.       WTO  समझौता : भारत को गुलाम बनाया जा रहा है ...  


ये विडियो नहीं देखा तो सायद कुछ नहीं देखा ... 







5.      धरमवीर जी : हरियाणा में स्वालंबी किसान (बहुउपयोगी मशीन ): एक किसान से किसान वैज्ञानिक तक का सफ़र ... फिर हम और आप क्या कर रहे है ... हम तो खाली अकड़-घमंड के पुतले ही बन के रह गए सायद ..





6.           विश्व को भारत की देन : मगर कैसे विदेशियों ने हमारे सारे अविष्कार और खोजों को खुद के बता के पेटेंट करा चुके है ... पूरी सिक्षा का स्वरुप बदल दिया गया ... इनफार्मेशन के सारे दरवाजे सिर्फ विदेशियों के लिए ही काम कर रहे है ...यहाँ तक की आज Discovery या History Channel में विविन्न खोजो आदि में भी विदेशेयों का योगदान ढूँढा जाता है ...... ये सब हो रहा है हमारी गहरी सभ्यता को भुलाने के लिए ...







7.           मैकाले शिक्षा पद्धति:    भारत की सांस्कृतिक सभ्यता को नष्ट करने की साज़िश जो आज तक की जा रही है :





8.    Must Listen : Who we Are :   http://www.youtube.com/watch?v=V4jSIlHjqDo   

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