21 August 2014

योग का इतिहास : History of Yog



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हमारी संस्कृति के गूढ़ ज्ञानो को जरूर जानें  … 


DVD के बारे में :

योग की 6000 साल की यात्रा :

*  6 सालों की रिसर्च
*  30 प्रसिद्ध विद्वानों का योगदान
*  84 पुरातात्त्विक स्थल -- 137 जगह
*  37 म्यूज़ियम, लाइब्रेरीज, मंदिर

योग इन हड़प्पा सभ्यता, वैदिक समय मैं, जैनिज़्म, और बुद्धिस्म

हजारों साल पहले उपनिषद के ऋषियों ने इन्द्रियों को बाहर की ओर छेदा गया है, बताया है ।

योग: चित्त की निर्वृत्तियों का निरोध , द्रष्टा अपने स्वरूप में स्थित हो जाती है। ....

मनुष्य प्रशन्नता को स्थाई नहीं रख पाता , पूरी जिंदगी चित्त वृत्तियों में ही रहते हैं ....


DVD STARTS.......

समय चक्र :

3900 -- 1500 BC Indus Valley Civilisation

3000 -- 2000 BC Rigveda

1500 -- 800 BC Later Vedas & Brahmans

800 -- 600 BC Upanishadas

1400 -- 800 BC Mahabharat War

600 -- 500 BC Mahavir & Budhha

400 -- 300 BC Chandragupta & Ashoka

300 -- 250 BC Gita

184 -- 148 BC Patanjali

100 -- 150 AD Nagarjuna

375 -- 400 AD Iron Pillar

470 -- 775 AD Elephanta Caves

750 -- 800 AD Vigyan Bhairav

800 -- 1800 AD Hatha Yog

900 -- 1100 AD Later Upanishadas

1000 -- 1200 AD Khajuraho Temples

900 -- 1200 AD 64 Yogin Cult

800 -- 1200 AD Gorakhnath

1300 -- 1400 AD Hath Yog Pradipika

1675 -- 1700 AD Gherand Sanhita

1783 AD Raja Mansingh

1757 - 1857 - 1947 AD British Raj

12/01/1863 - 04/07/1902 Vivekanand


पतंजलि नाग जनजाति के थे, वे 3 शास्त्रों के दाता थे : व्याकरण महाभाष्य , योगसूत्र , आयुर्वेद संहिता ।

पतंजलि ने चित्तोड़ (उस समय उसे मध्यमिका से जाना जाता था ) पर यवनों (ग्रीक) के आक्रमण का उल्लेख किया

योग के 4 अध्याय है : समाधिपाद , साधनपद , विभूतिपाद और कैवल्यपाद

हम दूसरे अध्याय से शुरू करते है :

इसके 8 अंग हैं :

1. यम : 5 प्रकार के हैं : अहिंसा , सत्य , अस्तेय , अपरिग्रह , ब्रह्मचर्य
2. नियम : 5 प्रकार के हैं : शौच , संतोष , तप , स्वाध्याय , ईश्वरप्रणिधाम
3. आसन :
4. प्राणायाम : जब शरीर स्थिर हो जाए , स्वाँस को नियंत्रित एवं सुष्म करना
5. प्रत्याहार : अंदर से आहार (एनर्जी) लेना
6. धारणा : विश्वास
7. ध्यान : एकाग्रचित मन
8. समाधि : ध्यान ही समाधी बन जाती है


योग का दर्शन सांख्य है और वो ईश्वर को नहीं मानता …

परंपरा में भारत का सबसे पुराना दर्शन सांख्य दर्शन ही है …

महाभारत में कहा गया है कि सांख्य और योग मिलकर ही सनातन दर्शन है

भारतीय चिंतन में पहले के चिंतकों में से एक थे कपिल मुनि

5000 साल पुरानी एक शील की आकृति मिली जो एक योगी की है । जो सिंधु घाटी सभ्यता के समय की है । जो की काल और भूगोल में सबसे पुरानी सभ्यता है ।

* Dr. V. Shinde के अनुसार ये शिला पशुपति की है जो की शिव के प्रतीक है

* वही Dr. A. Jamkhedar के अनुसार ये किसी स्त्री की है और जिस तरह के उसमे चूड़ियाँ दिखती है वैसे ही आज भी इस जगहों की स्त्रियां पहनती हैं ।

* Dr. V. Shinde : गघ्घर नदी के घाट (रोहतक के समीप), फरमाना जगह पर करीब 3.5 हेक्टेयर में हड़प्पा सभ्यता की एक सबसे बड़ी कब्रगाह मिली है, जिसका मॉडर्न scientific टेक्नोलॉजी से analysis किया गया है । वहां स्त्रियां बीच में बहुत आभूषणों और संसाधनों के साथ है जबकि पुरुष टूटी हड्डियों के साथ थोड़े बर्तन और आभूषणों के साथ पाये गए । जो ये दर्शाता है की उस समय भी स्त्रियों का स्थान बहुत ऊँचा हुआ करता था ।


सांख्य : सिद्धांत , सही ज्ञान, तत्वों का ज्ञान :: सांख्य के दार्शनिक योगासन में बैठकर तत्वों की निश्चित संख्या का ध्यान करते थे ।

योग : प्रयोग

सांख्य अंतिम सत्य के रूप में हर जीव में 2 तत्वों का अस्तित्व मानता है :

जड़ (प्रकृति ) : सत्व , रज , तम

चेतना : पुरुष (पुरू : सीमा , ष : शयन, निष्क्रियता )

शरीर रूपी पर में शयन करने वाला हर पुरुष चेतना की एक सीमित और निष्क्रिय इकाई है ।

Dr. V. Shinde, Archaeologist, Jt. Director, डेक्कन कॉलेज, पुणे : कोई सबूत नहीं किसी केंद्रीय सत्ता की, राजा की, व्यस्था कुछ ही व्यक्तियों के समूह द्वारा ही संभाली जाती थी । एक तरह का प्रजातंत्र की मिसाल पुरे विश्व को ।

अहिंसा एक व्यवहार थी न की सिर्फ एक सिद्धांत

Dr. S. R. Rao (Excavated लोथल और द्वारका), Ex . Dy. ASI : वे किसी पशु को भी हानि नहीं पहुंचते थे, कोई हिंसा का सबूत नहीं , इसलिए हम मान सकते हैं की वे बड़े शांतिप्रिय थे ।

सिंधु नगर की बड़ी बड़ी इमारतें स्नानागार थी , वे बड़े ही साफ़ थीं । वहां हर घर में एक बाथरूम होता था, वो छोटी-छोटी नालियों से होकर एक बड़े बड़े ड्रेनेज सिस्टम से जुड़ा था जो शहर के बाहर जाता था ।

हड़प्पा सभ्यता में कई हठ योग की मुर्तिया मिली, जिस हाथ योग के बारे में पतंजलि मौन थे ।



बुद्धा ने कहा : मैंने पुरातन पंथ को देखा और चला, उन्होंने बोला की "आप पहले जानो फिर मानो" क्योकि माने हुए धर्म से हिंसा ही होती है ।

अशोक ने बुद्ध की नीतियों को कई शिलालेखों में गुदवाया :


अशोक के दादा चन्द्रगुप्त थे (जो चाणकय के शिष्य थे) जो बाद में जैन हो गए थे और अंतिम समय में दक्षिण में श्रावणवेलगोला में आ गए थे ।

जैनो के पहले तीर्थांकर ऋषभदेव का वेदों में भी वर्णन है

युद्ध से बाद स्वयं को जीतना, स्वयं को जीतने वाला ही महावीर होता है ।

विज्ञानं भैरव (कश्मीरी शैव दर्शन) : ध्यान के 112 तरीके बताये गए हैं ।


संध्या भाषा : सांकेतिक भाषा
Dr. देवांगना देसाई (खजुराहो मंदिर) : योगी ने डोम्बि का आलिंगन कर रखा है , डोम्बि यानी धोबन ---> यहाँ डोम्बि शब्द का इस्तेमाल कुण्डिलिनी शक्ति के लिए किया हुवा है । यदि कुण्डिलिनी पाँचवे चक्र यानी विशुद्धि तक उठ गई है । जहाँ दो प्राणो का मिलान होता है : प्राण और अपान , पिंगला और इड़ा , सूर्य और चन्द्रमा । योगी समयरहित स्थिति में पहुँच जाता है ।


हठ योगियों में महान योगी थे गोरखनाथ । जिनके गुरु थे मत्स्येन्द्रनाथ ।
गोरखनाथ को राष्ट्रीय इष्टदेव के रूप पूजा जाता है और राजकीय सिक्को में गोरखनाथ का नाम है । वह उनके सम्मान में गोरख नाम से एक जिला भी है और नेपाल के लोग अपने को गोरखा भी बड़े गर्व से कहते है ।

बख्तियार ख़िलजी ने जब नालंदा विश्वविद्यालय जो नष्ट किया तब वह के बहुत से बौद्ध बिक्षु भागकर हिमालयी क्षेत्र में चले गए जैसे लद्दाख आदि ।

विवेकानंद जी द्वारा ही योग की पश्चिम की यात्रा शुरू हुई …