29 May 2013

कोलगेट का झूट ....टूथपेस्ट में जहर ..

साथियों ...

जरूर देखें :  

https://www.youtube.com/watch?v=oga46f4op8U


इन विदेशी कंपनियों ने हमारे दिमाग पर इतना कब्ज़ा कर दिया है की हम अब आँख मूँद कर इनका सामान खरीदते है ... और बड़ा ही गर्व महसूस करते है ... हमे लगता है की हम भी मॉडर्न बन गए ... हम भी एडवांस बन गए ...

और अगर नहीं लिया तो हम अछि माँ ही नहीं ... अछि बीबी ही नहीं ... अच्छे दोस्त ही नहीं ... मतलब हम अपने आप ही आत्म-ग्लानी में डूब जाते है .... और फिर मजबूरी वश हम इनका सामान खरीदते है ... हमे लगता है की इनके सामानों की क्वालिटी बड़ी ही उच्च होती है ...

ये सब होता है लगातार सुबह साम दिखाए जाने वाले विज्ञापनों की वजह से ... जैसे सो बार लगातार एक झूट बोल जाए तो लोग उसे सच ही समझ लेते है ... ये थ्योरी जर्मन के हिटलर के सलाहकार गोबल्स की है जिसकी की आज हमारी विदेशी मीडिया पूरी तरह से अनुसरण कर रही है ....

तो जाने इनकी असलियत और करे इनका बहिस्कार ... और निकले अपने मानसिक गुलामी से .. और अपनाये स्वदेशी .... रहें अपने लोगो के करीब .... सोचें अपने आम लोगों के बारें में .. जिससे की उनको रोजगार मिल सकेगा और हमारे देश का पैसा देश में ही रहेगा ....
तो ज्यादा रोजगार सर्जन होंगें ... महंगाई कम होगी ...  गरीबी कम होगी ... एकाधिपत्य नहीं होगा इन कंपनियों का ...

कोलगेट नाम की कंपनी पहले तो कुछ भी वार्निंग नहीं लिखती थी ..लेकिन अब 1 वार्निंग लिखना सुरु कर दिया है ... जब चारो और से आवाजे आने
लगी ..अब तो इसने ग्रीन मार्क (Veg.) के लिए भी देना सुरु कर दिया है ....  पहले क्यों नहीं दे रही थी .... इसका मतलब पहले झूट बोल रही थी ....

पहले तो यह टूथपेस्ट में नमक है करके विज्ञापन देती थी .. अब बोल रही है क्या आपके टूथपेस्ट में नमक नहीं है ....

तो अपनाये कोई भी स्वदेशी हर्बल टूथपेस्ट .... या नीम की दान्तुन  .. आम की दान्तुन ..  अमरुद की दान्तुन ...




Your toothpaste may cause cancer

http://www.downtoearth.org.in/content/your-toothpaste-may-cause-cancer

Date: Sep 15, 2011 http://www.downtoearth.org.in/content/your-toothpaste-may-cause-cancer
A study finds nicotine dental products contain nicotine

Next time you brush your teeth, be careful. Some popular toothpastes and toothpowders in India have high levels of nicotine, a known carcinogen, a study has found.

Researchers at the Delhi Institute of Pharmaceutical Sciences and Research (DIPSAR) tested 10 toothpowders and 24 toothpastes brands. They found large amounts of nicotine in 11 of these non-tobacco products.

The highest amount of nicotine at 18 milligram/gram (mg/g) was found in Colgate Herbal products while 10 mg/g of nicotine was found in Neem Tulsi brand.

S. No
Brand
Nicotine found in dental care products in 2008 (mg/g)
Nicotine found in dental care products in 2011 (mg/g)
Manufacturer
1.
Vicco
0.002
0.05
Vicco laboratories, Goa
2.
Alka
dant manjan
-
1.0
Dev Chemical Works Pvt. Ltd., New Delhi
3.
Yunadant
nil
1.7
Aayam Herbal And Research, Jaipur, Rajasthan
4.
Dabur Red
5.75
0.01
Dabur India Limited, Solan, Himachal Pradesh
5.
Payo kil
nil
16
Gurukul Kangri Pharmacy, Haridwar, Uttarakhand
6.
Colgate Herbal
nil
18
Colgate Palmolive India Limited, Mumbai, Maharashtra
7.
Neem Tulsi
nil
10
Ayur Siddha Limited, Kangra, Himachal Pradesh
8.
Stoline Paste
nil
0.06
Group pharmaceuticals limited, Kolar, Karnataka
9.
Himalaya
nil
0.029
Himalaya Drug Company, Bengaluru, Karnataka
10.
Sensoform
nil
0.065
Indoco Remebies Limited, Solan, Himachal Pradesh

“Nicotine content in one cigarette is between two and three mg/g. In one of the dental care products we found the nicotine content was equivalent to that of nine cigarettes,” says Professor S S Agrawal, project director at DIPSAR.

According to the Cigarette and Other Tobacco Products Act, 2003, no non-tobacco product can contain tobacco and nicotine.

Earlier studies have found tobacco and nicotine in toothpowders. “But this is the first study that has found nicotine in toothpastes,” says P C Gupta, director, Healis Institute of Public Health, an organisation dedicated to improving public health in India and other developing countries.

In a study published in the British Medical Journal in 2004 Gupta stated that various tobacco products are used as dentrifice in India.

“Many companies take advantage of a misconception widely prevalent in India that tobacco is good for teeth,” Gupta says. The companies, therefore, package and position their products as dental care products, he adds. “A laboratory test of five samples of red tooth powder that did not declare tobacco as an ingredient found tobacco content of 9.3-248 mg/g of tooth powder,” the study stated.
“Nicotine in the toothpastes and toothpowders gets absorbed in the body when it directly comes in contact with the skin. This makes the product addictive,” Gupta notes.

"We do not use nicotine or any other tobacco substance as an ingredient in any of our products," says company spokesperson for Colgate. "We have contacted S S Agarwal to learn about the details of his research," the spokesperson adds.


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जरूर सुनें, डाउनलोड करें और फेलायें :  http://www.youtube.com/watch?v=hBXx2ROlCBg


मित्रो हम लोग ब्रश करते हैं तो पेस्ट का इस्तेमाल करते हैं, कोलगेट, पेप्सोडेंट, क्लोज-अप, सिबाका, फोरहंस आदि का, क्योंकि वो साँस की बदबू दूर करता है, दांतों की सड़न दूर करता है, ऐसा कहा जाता है प्रचारों में | अब आप सोचिये कि जब कोलगेट नहीं था, तब सब के दांत सड़ जाते थे होंगे ? और सब के सांस से बदबू आती होगी ? अब आपके दादा - दादी के जमाने मे तो colgate होता नहीं था तो दादा दादी साथ बैठते थे या नहीं ???

तब आपको जवाब मिलेगा पहले सभी नीम का दातुन करते थे ! अभी कुछ सालों से टेलीविजन ने कहना शुरू कर दिया कि भाई कोलगेट रगड़ो तो हमने कोलगेट चालू कर दिया | अब जो नीम का दातुन करते हैं तो उनको तथाकथित पढ़े-लिखे लोग बेवकूफ मानते हैं और खुद कोलगेट इस्तेमाल करते हैं तो अपने को बुद्धिमान मानते हैं, जब कि है उल्टा | जो नीम का दातुन करते हैं वो सबसे ज्यादा बुद्धिमान हैं और जो कोलगेट का प्रयोग करते हैं वो सबसे बड़े मुर्ख हैं |

कोलगेट बनता कैसे हैं, आपको मालूम है? किसी को नहीं मालूम, क्योंकि कोलगेट कंपनी कभी बताती नहीं है कि उसने इस पेस्ट को बनाया कैसे ? कोलगेट का पेस्ट दुनिया का सबसे घटिया पेस्ट है, क्यों ? क्योंकि ये जानवरों के हड्डियों के चूरे से बनता है | !! और ये dicalcium phosphate तो सब जानते है जानवरो की हड्डियों को bone crusher machine मे पीसा जाता है और फिर उससे dicalcium phosphate बनता है !
यहाँ click कर देखे !

http://youtu.be/hBXx2ROlCBg

जानवरों के हड्डियों के चूरे के साथ-साथ इसमें एक और खतरनाक चीज मिलाई जाती है, वो है fluoride (फ्लोराइड) | फ्लोराइड नाम उस जहर का है जो शरीर में फ्लोरोसिस नाम की बीमारी करता है और भारत के पानी में पहले से ही ज्यादा फ्लोराइड है | और कोई भी toothpaste जिसमे fluoride होता है और 1000 ppm से ज्यादा होता तो है तो वो toothpaste toothpaste नहीं रहता जहर हो जाता है !


अब ये बात मैं अगर कोर्ट मे जाकर बोलूँगा तो कोर्ट मेरी बात मानेगा नहीं ! वो पूछेगा आपके पास दाँतो की डाक्टरी का certificate है क्या ??? जबकि मुझे मालूम है कि 1000 ppm से ज्यादा fluoride है किसी toothpaste मे तो वो जहर है ! मतलब इस देश का कानून इतना घटिया है ! कि कोर्ट मेरी बात तब मानेगा जब मेरी पास दाँतो की डाक्टरी की डिग्री होगी और इसके लिए dentist होना पड़ेगा !! और जिनके पास दाँतो की डाक्टरी की डिग्री है वो कोर्ट मे जा नहीं रहे ! और जिनके पास दाँतो की डाक्टरी की डिग्री नहीं है वो मेरे जैसे बाहर बैठे खिसया(गुस्सा) रहे है ! और धड्ड्ले से इस देश मे colgate बिक रहा है !

अक्सर मैं लोगो से पूछता हूँ कि आप colgate क्यूँ करते हैं ??? तो वो कहते है इसमे quality बहुत है ! तो मैं पूछता हूँ अच्छा क्या quality है ?? तो वो कहते है कि इसमे झाग बहुत बनता है तो मैं कहता हूँ भाई झाग तो RIN मे भी बहुत बनता है ! झाग तो AIRL मे भी बहुत बनता है ! और झाग तो shaving cream मे सबसे ज्यादा बनता है तो उसी से दाँत साफ कर लिया करो अगर झाग ही चाहिए आपको ! ये पढे लिखे मूर्खो के उत्तर है ! बिना पढ़ा लिखा आदमी कभी ऐसा जवाब नहीं देता ! और ये जवाब पता मुझे कहाँ मिला ! दिल्ली university मे मैं भाषण कर रहा था department of mathematics मे !
वहाँ के प्रोफेसर ने उत्तर दिया कि colgate मे बहुत बढ़िया quality है झाग बहुत बनता है ! तो मैंने कहा प्रोफेसर साहब आप dental cream से दाँत क्यूँ नहीं साफ करते ?? airl से दाँत क्यूँ नहीं साफ करते shaving cream से दाँत क्यूँ नहीं साफ करते ??? सबसे ज्यादा झाग तो उसी मे बनता है ! तो प्रोफेसर एक दम चुप हो गया !!

तो बोला अच्छा आप ही बताओ quality क्या होती है ?? तो मैंने कहा प्रोफेसर साहब आप mathematics के प्रोफेसर होकर ये नहीं जानते कि quality क्या होती है ? तो क्यूँ ? चिलाते हैं quality होती है ! आप सीधा कहो हमे नहीं पता quality क्या होती है हम तो tv मे विज्ञापन देख कर बस घर उठा लाते हैं ! तो मैंने उनका उनको कहा कि colgate tooth paste बनता किस्से है उसकी quality क्या है ये समझने की जरूरत है !! तो वो mathematics के थे थोड़ा chemistry भी जानते थे ! तो मैंने कहा chemistry मे एक कैमिकल होता है जिसका नाम है Sodium Lauryl Sulphate | उससे colgate बनता है ! क्यूंकि Sodium Lauryl Sulphate डाले बिना किसी भी toothpaste मे झाग पैदा नहीं हो सकता !


आप मे से थोड़े भी chemistry पढे लिखे लोग है तो Sodium Lauryl Sulphate के बारे मे chemistry की dictionary मे आप देख लीजिये ! उसके सामने लिखा हुआ है poison (जहर) है ! 0.05 मिलीग्राम मात्रा मे शरीर मे चला जाये ! तो cancer कर देता है ! और ये colgate ,closeup pepsodent , मे भरपूर मात्रा मे मिलाया जाता है !

धर्म के हिसाब से भी पेस्ट सबसे ख़राब है | सभी पेस्टों में मरे हुए जानवरों की हड्डियाँ मिलायी जाती है | ये कोई भी जानवर हो सकता है, मैं इशारों में आपको बता रहा हूँ और आप अगर शाकाहारी है या जैन धर्म को मानने वाले हैं तो क्यों अपना धर्म भ्रष्ट कर रहे हैं | मेरे पास हर कंपनी की लेबोरेटरी रिपोर्ट है कि कौन कंपनी कौन से जानवर की हड्डी मिलाती है और ये प्रयोगशाला में प्रयोग करने के बाद प्रमाणित होने के बाद आपको बता रहे हैं हम |

और ये कोलगेट नाम का पेस्ट बिक रहा है Indian Dental Association के प्रमाण से | मुझे जरा बताइए कि कब इस संगठन ने कोई बैठक किया और कोलगेट के ऊपर प्रस्ताव पारित किया कि "हम कोलगेट को प्रमाणित करते हैं कि ये भारत में बिकना चाहिए" लेकिन कोलगेट भारत में बिक रहा है IDA का नाम बेच कर | "IDA" लिखा रहता है Upper Case में और मोटे अक्षरों में, और "Accepted" लिखा होता है छोटे अक्षर में | यहाँ भी धोखा है, ये "accepted" लिखते हैं ना कि "certified" | मुझे तो आश्चर्य होता है कि भारत में दाँतों के डॉक्टर इसका विरोध क्यों नहीं करते, कोई डेंटिस्ट खड़ा हो कर इस झूठ को झूठ क्यों नहीं कहता, क्यों नहीं वो कोर्ट में केस करता |

आपको एक और जानकारी देता हूँ | ये colgate कंपनी जब अपने देश अमेरिका मे toothpaste बेचती है ! तो उस पर चेतावनी (Warning) लिखी होती है | जैसे हमारे देश मे सिगरेट पर लिखा जाता है न सिगरेट पीना सेहत के लिए हानिकारक है !! ऐसी ही वहाँ colgate पर लिखा जाता है !
लिखते अंग्रेजी में हैं, मैं आपको हिंदी में बताता हूँ, उस पर क्या लिखते हैं !

"please keep out this Colgate from the reach of the children below 6 years
_________________________________________________________-
" मतलब "छः साल से छोटे बच्चों के पहुँच से इसको दूर रखिये/उसको मत दीजिये", क्यों? क्योंकि बच्चे उसको चाट लेते हैं, और उसमे कैंसर करने वाला केमिकल है, इसलिए कहते हैं कि बच्चों को मत देना ये पेस्ट | (और हमारे यहाँ छोटे छोटे बच्चो से ये कंपनी विज्ञापन करवाती है !)

और आगे लिखते हैं "

In case of accidental ingestion , please contact nearest poison control center immediately
___________________________________________________________________
, मतलब "अगर बच्चे ने गलती से चाट लिया तो जल्दी से डॉक्टर के पास ले के जाइए" इतना खतरनाक है, और तीसरी बात वो लिखते हैं "

If you are an adult then take this paste on your brush in pea size
___________________________________________________
" मतलब क्या है कि " अगर आप व्यस्क हैं /उम्र में बड़े हैं तो इस पेस्ट को अपने ब्रश पर मटर के दाने के बराबर की मात्रा में लीजिये" | और आपने देखा होगा कि हमारे यहाँ जो प्रचार टेलीविजन पर आता है उसमे ब्रश भर के इस्तेमाल करते दिखाते हैं | और जानबूझ बच्चो से विज्ञापन करवाया जाता है !! और ये अमेरीकन कंपनिया की चाल बाज है !! 1991 ये टीवी पर विज्ञापन दिखाते थे ! आम toothpaste में होता है नमक !! लीजिये colgate saltfree ! और अब बोलते है !! क्या आपके toothpaste मे नमक है ??


2-3 माहीने के बाद लेकर आ गए ! colgate max fresh !!


2-3 महीने ये बेच कर लोगो को बेवकूफ बनाया !! फिर नाम बदल कर ले आये ! colgate sensitive ! इसे अपने sensitive दाँतो आर मसाज करे !! और विज्ञापन ऐसा दिखाते हैं !! जैसे ये कोई सच मे सर्वे कर रहे हैं !! हमारे दिमाग मे एक मिनट के लिए भी नहीं आता ! कि कंपनी ने विज्ञापन देने ए लिए लाखो रुपए खर्च किए है ! तो वो तो अपने जहर को बढ़िया ही बताने वाले हैं !


2-3 महीने इस नाम से बेचा अब नाम बदल कर रख दिया है ! colgate anti cavity !! थोड़े दिन इसको बेचेंगे फिर नाम बदल देंगे !!
!
हमारे देश में बिकने वाले पेस्ट पर ये "warning" नहीं होती जो ये कंपनी अपने देश अमेरिका मे लिखती है हमारे देश मे उसके जगह "Directions for use" लिखा होता है, और वो बात, जो वो अमेरिका और यूरोप के पेस्ट पर लिखते हैं, वो यहाँ भारत के पेस्ट पर नहीं लिखते | और कोलगेट के डिब्बे पर ISI का निशान भी नहीं होता , इसको Agmark भी नहीं मिला है, क्योंकि ये सबसे रद्दी क्वालिटी का होता है | जो वो अमेरिका और यूरोप के पेस्ट पर लिखते हैं, वो यहाँ भारत के पेस्ट पर नहीं लिखते, अब क्यों होता है ऐसा ये आपके मंथन के लिए छोड़ता हूँ और निर्णय भी आप ही को करना है |

यहाँ मैं भारत में कार्यरत कोलगेट कंपनी का एक पत्र भी डाल रहा हूँ जो भाई राकेश जी के इस प्रश्न के उत्तर में था कि "अमेरिका और यूरोप के पेस्ट पर जो चेतावनी आपकी कंपनी छापती है, वो भारत में उपलब्ध अपने पेस्ट के ऊपर क्यों नहीं छापती"| तो उनका (कंपनी का) उत्तर कितने छिछले स्तर का था ये देखिये...................
From: 
Date: Tue, May 31, 2011 at 6:04 PM
Subject: In response to your Colgate communication #022844460A
To: prakriti.pune@gmail.com

May 31, 2011

Ref: 022844460A

Mr. Rakesh Chandra Rakesh
B 13 Everest Heights Behind Joggers
Near Khalsa Dairy
Viman Nagar
Pune 411014
Maharashtra
India

Dear Mr. Rakesh,

Thank you for contacting Colgate-Palmolive (India) Limited.

"The labelling requirements of cosmetic preparations like toothpaste in India are governed by the drugs and cosmetics regulations. We are fully complying with those regulations.In addition, we have incorporated an additional direction (i.e. Dentists recommend parents supervise brushing with a pea-size amount of toothpaste, discourage swallowing and ensure children spit and rinse afterwards) with a view to guiding the parents of children under 6 years of age using toothpaste."

We greatly value your patronage of Colgate-Palmolive products.

Regards,

COLGATE PALMOLIVE (INDIA) LIMITED

Abilio Dias
Consumer Affairs
Communications
http://www.natural-health-information-centre.com/sodium-lauryl-sulfate.html

और
http://www.fluoridealert.org/issues/dental-products/toothpastes/

इन दोनों लिंक को समय निकाल कर पढने का कष्ट करेंगे तो आपके लिए अच्छा होगा | आप जिस भी पेस्ट के INGREDIENT में इस केमिकल का नाम देखिये तो उसे कृपा कर के इस्तेमाल मत कीजिये, अपना नहीं तो अपने बीवी-बच्चो का तो ख्याल कीजिये, अगर शादी नहीं हुई है तो अपने माता-पिता का ख्याल तो कीजिये |

विकल्प (पेस्ट नहीं करे तो क्या करें ??)

यहाँ मैं महर्षि वाग्भट (3000 साल पहले भारत मे हुये एक sant 135 वर्ष कि उम्र तक जिये )के अष्टांग हृदयम का कुछ हिस्सा जोड़ता हूँ, जिसमे वो कहते हैं कि दातुन कीजिये |
दातुन कैसा ? तो जो स्वाद में कसाय हो, कसाय समझते हैं आप ? कसाय मतलब कड़वा और नीम का दातुन कड़वा ही होता है और इसीलिए उन्होंने नीम के दातुन की बड़ाई (प्रसंशा) की है |एक दूसरा दातुन बताया है, वो है मदार का, उसके बाद अन्य दातुन के बारे में उन्होंने बताया है जिसमे बबूल है, अर्जुन है, आम है, अमरुद है, जामुन है, ऐसे 12 वृक्षों का नाम उन्होंने बताया है जिनके दातुन आप कर सकते हैं |

चैत्र माह से शुरू कर के गर्मी भर नीम, मदार या बबूल का दातुन करने के लिए उन्होंने बताया है, सर्दियों में उन्होंने अमरुद या जामुन का दातुन करने को बताया है , बरसात के लिए उन्होंने आम या अर्जुन का दातुन करने को बताया है | आप चाहें तो सालों भर नीम का दातुन इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन उसमे बस एक बात का रखे कि तीन महीने लगातार करने के बाद इस नीम के दातुन को 20 दिन का विश्राम दे | इस अवधि में मंजन कर ले | दन्त मंजन बनाने की आसान विधि उन्होंने बताई है, वो कहते हैं कि आपके स्थान पर उपलब्ध खाने का तेल (सरसों का तेल. नारियल का तेल, या जो भी तेल आप खाने में इस्तेमाल करते हों, रिफाइन छोड़ कर ), उपलब्ध लवण मतलब नमक और हल्दी मिलाकर आप मंजन बनाये और उसका प्रयोग करे | दातुन जब भारत के सबसे बड़े शहर मुंबई में मिल जाता है तो भारत का ऐसा कोई भी शहर नहीं होगा जहाँ ये नहीं मिले |

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जाते जाते एक अंतिम बात !

जब यूरोप में घुमा करता था तो एक बात पता चली कि यूरोप के लोगों के दाँत सबसे ज्यादा ख़राब हैं, सबसे गंदे दाँत दुनिया में किसी के हैं तो यूरोप के लोगों के हैं और वहां क्या है कि हर दूसरा-तीसरा आदमी दाँतों का मरीज है और सबसे ज्यादा संख्या उनके यहाँ दाँतों के डाक्टरों की ही है, अमेरिका में भी यही हाल है | वहां एक डाक्टर मुझे मिले, नाम था डाक्टर जुकर्शन, मैंने पूछा कि "आपके यहाँ दाँतों के इतने मरीज क्यों हैं? और दाँतों के इतने ज्यादा डाक्टर क्यों हैं ?" तो उन्होंने बताया कि "हम दाँतों के मरीज इसलिए हैं कि हम पेस्ट रगड़ते हैं " तो मैंने कहा कि "तो क्या रगड़ना चाहिए?", तो उन्होंने कहा कि "वो हमारे यहाँ नहीं होती, तुम्हारे यहाँ होती है " तो फिर मैंने कहा कि "वो क्या?", तो उन्होंने बताया कि "नीम का दातुन" | तो मैंने कहा कि "आप क्या इस्तेमाल करते हैं?" तो उन्होंने कहा कि "नीम का दातुन और वो तुम्हारे यहाँ से आता है मेरे लिए " | यूरोप में लोग नीम के दातुन का महत्व समझते हैं और हम प्रचार देख कर "कोलगेट का सुरक्षा चक्र" अपना रहे हैं, हमसे बड़ा मुर्ख कौन होगा | और अमेरिका ने नीम पर patent ले लिया है !


इस देश के लोग हर साल 1000 करोड़ का tooth paste का जहर मुंह मे घूमा कर पैसा विदेशी कंपनी को दे देते हैं ! और यहाँ अगर आप नीम का दातुन करे तो ये 1000 हजार करोड़ देश के गरीब लोगो को जाएगा !! किसानो को जाएगा जो बेचारे चौराहो पर बैठ कर नीम का दातुन बेचते हैं !!

अब आप कहेंगे अगर सब लोग नीम का दातुन करेंगे ! तो एक दिन नीम का झाड खत्म हो जाएगा ! उसका भी के उपाय है !
घर के बाहर नीम का पेड़ लगा है तो 200 तरह के वाइरस और बेक्टीरिया आपके घर मे नहीं घुसेंगे और एक नीम का पेड़ 1 साल में 15 लाख रूपये की आक्सीजन देता है ! अगर आप संकल्प ले कि आप अपने हर जन्मदिन पर 1 नीम का पेड़ लगाएँगे और मान लो आपके 50 जन्मदिन आयें और आपने 50 नीम के पेड़ लगाये ! तो 50 x 1500000 (15 लाख ) = 7.50 करोड़ तो (साढ़े सात करोड़) की आक्सीजन आप देश को दान देंगे ! और अगर कोई आप से ऐसे मांग ले कि भाई साढ़े सात करोड़ देश के लिए दे दो ! तो आप कहेंगे है ही नहीं ! और इतने नीम के पेड़ होने से देश मे बढ़ रही प्रदूषण की समस्या भी हल हो जाएगी !!

आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !!


वन्देमातरम 




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